अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध और कई मांगों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन को आज एक साल पूरा हो गया है। इस अवसर यूपी, हरियाणा और पंजाब के के किसानों का सिंघु और टीकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर पर एक बार फिर से जमावड़ा बढ़ गया है। हालांकि, केंद्र ने हाल ही में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है। इसके बावजूद किसान अभी वापस लौटने को तैयार नहीं हैं। इसे देखते हुए राजधानी के विभिन्न सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
किसान आंदोलन को एक साल पूरे होने पर अमृतसर, जालंधर, फिरोजपुर, पटियाला, लुधियाना, संगरूर, अंबाला, हिसार, सिरसा, रोहतक, कुरुक्षेत्र, भिवानी समेत दोनों राज्यों के हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर पहुंच रहे हैं। पुलिस के मुताबिक, सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और जिन जगहों पर प्रदर्शनकारी किसान धरने पर बैठे हैं, वहां दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती रहेगी।
LIVE UPDATES :-
- अमृतसर : किसानों के एक समूह ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सालभर के विरोध के दौरान जान गंवाने वालों को मोमबत्तियां जलाकर श्रद्धांजलि दी।
-दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ''आज किसान आंदोलन को पूरा एक साल हो गया है। इस ऐतिहासिक आंदोलन ने गर्मी-सर्दी, बरसात-तूफान के साथ अनेक साजिशों का भी सामना किया। देश के किसान ने हम सबको सिखा दिया कि धैर्य के साथ हक की लड़ाई कैसे लड़ी जाती है। किसान भाइयों के हौसले, साहस, जज्बे और
बलिदान को मैं सलाम करता हूं।''
-यूपी गेट पर किसानों का जमावड़ा बढ़ा, दोपहर में महापंचायत
- किसान आंदोलन के एक साल पूरा होने पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा आज सभी बॉर्डरों पर लोग आएंगे और बातचीत करेंगे। अभी तो आंदोलन चल रहा है। केंद्र सरकार अगर बातचीत करेगी तो आगे का समाधान निकलेगा, वे बात ही नहीं करना चाहते हैं। बिना बात के कैसे समाधान निकलेगा।
- दिल्ली पुलिस के PRO चिन्मय बिस्वाल ने कहा कि किसानों द्वारा 26 नवंबर को दिल्ली कूच का आह्वान दिया गया है, उस पर पुलिस की पूरी नजर है। स्थिति को संभालने के लिए पूरे इंतजाम किए गए हैं, जिससे कोई भी कानून को अपने हाथ में ना ले। हम सबसे अपील करते हैं कि कानून-व्यवस्था को बनाएं रखें और पुलिस का सहयोग करें।
किसानों की मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा- राकेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगें पूरी होने और केन्द्र के साथ हमारी बातचीत होने तक किसान आंदोलन जारी रहेगा। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने (सरकार ने) तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है, लेकिन उससे समस्या का समाधान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि तमाम और समस्याएं हैं जिनके समाधान की किसानों को जरूरत है। टिकैत ने कहा कि केन्द्र सरकार जब तक फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अन्य मांगों पर बातचीत फिर से शुरू नहीं करती है, किसानों का आंदोलन जारी रहेगा।
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